
diwali puja muhurat 2016 दिवाली पूजा मुहूर्त 2016
साक्षात् धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा दिवाली के त्यौहार में बहुत ही फलदायी मानी गई है. धन की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी का पूजन प्रदोष काल (संध्या) में करना चाहिए. लक्ष्मी उपासना का यही मुख्य समय माना गया है. अमावस्या अंधकार की रात्रि है.
माता लक्ष्मी को समस्त संसार व चराचर को आलौकिक करने वाली देवी माना गया है. अतः संध्या काल में दीप प्रज्ज्वलित कर लक्ष्मी पूजन करने का उत्तम समय है.
पूर्वाभिमुख होकर करें पूजन : दिवाली पर माता लक्ष्मी के साथ लोक परंपरा अनुसार गुजरी के पूजन का महत्व है. माता लक्ष्मी का पूजन पूर्वाभिमुख होकर करना चाहिए. पूजन के समय सपरिवार माता की आराधना करे.
आइये अब जानते है इस दीपावली कौन सा मुहूर्त पूजा के लिए उपयुक्त है.
रात्रि- 07.30 से 09.00 (लाभ)
रात्रि 10.00 से 12.00 तक।
देर रात्रि पूजन करने वालों के लिए
रात्रि 12.00 से 01.30 तक।
लग्न अनुसार-
सुबह 06.44 से 09.01 (वृश्चिक-लग्न),
09.01 से 11.06 (धनु-लग्न),
दोपहर 12.54 से 02.26 (कुंभ-लग्न),
03.57 से शाम 05.37 (मेष-लग्न),
05.37 से 08.36 (वृषभ-लग्न)
सिंह लग्न में पूजन का समय है रात्रि 12.06 से 02.18 तक।
* पंडित रामकृष्ण.
लाभ का चौघड़िया : 10.47 से 12.10 तक।
अमृत का चौघड़िया : 12.10 से 1.10 तक।
लाभ का चौघड़िया (सायंकाल) : 7.18 मिनट से 8.57 मिनट तक।
लग्न मुहूर्त :
कुंभ 1.3 मिनट से 2.26 मिनट
वृषभ : 5.48 मिनट से 7.46
सिंह लग्न : रात्रि 12.15 मिनट से 2.31 मिनट तक।
कार्यालयों और दुकानों के लिए लेखा पूजा/लेजर आदि के पूजन का मुहूर्त
1. 14:30 बजे (स्थिर लग्न मीन) के लिए 13.10 बजे तक
2. 17:28 बजे से 20:10 बजे तक
घर के लिए लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे शुभ समय :
19:30 बजे से 21:36 (स्थिर लग्न वृषभ, प्रदोष काल और लाभ का चौघडि़या)