
भगवान की भूमि के नाम से प्रसिद्द केरला( famous temples in Kerala )विश्व में न केवल अपने खूबसूरत पर्यटन के लिए जाना जाता हैं , यहाँ बहुत से प्रसिद्द मंदिर हैं , जो अपनी खूबसूरत कारीगरी, अपने वैभव और सम्पन्नता के लिए जाने जाते हैं , केरला में मंदिरो के बारे में एक रहस्यपूर्ण बात यह भी हैं की ये मंदिर 2000 वर्ष पुराने हैं और यहाँ अधिकतर मंदिर भगवान विष्णु और शिव को समर्पित हैं. चलिए चलते हैं इन मंदिरो के दर्शन के लिए
Sri Padmanabhaswamy Temple
8वी सदी में बना यह मंदिर अपनी द्रविड़ कला के लिए प्रसिद्द हैं , यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित हैं, और अपनी बेजोड़ शिल्पकला के लिए विख्यात हैं, अल्पाशी और पंगुनि त्यौहार के दौरान इस मंदिर को देखने की रौनक ही अलग होती हैं इन दो त्योहारों के दौरान इस मंदिर के भ्रमण के लिए विश्व के कोने कोने से लोग आते हैं, पद्मनाभस्वामी मंदिर केरला के प्रसिद्द मंदिरो में से एक हैं.October और November ( अल्पाशी त्योहार ) ,March और अप्रैल ( पंगुनि त्यौहार ) के दौरान इस मंदिर का दर्शन देखने लायक होता हैं.
Ambalapuzha Sri Krishna Temple
भगवान कृष्ण को समर्पित यह मंदिर 17 वी शताब्दी का प्रसिद्द मंदिर हैं , इस मंदिर में स्थापित भगवान कृष्ण की मूर्ति को टीपू सुलतान के समय में गुरुवयूर से लाया गया था.अम्बलपुज़हा त्यौहार के दौरान इस मंदिर की रौनक देखने लायक होती हैं.
Sabarimala Sree Ayyappa Temple
सहृदय पहाड़ियों से घिरा यह मंदिर अपने सौंदर्य और अनुपम छटा के लिए प्रसिद्द हैं. शबरीमला का अर्थ हैं पर्वत. थिरुवनंतपुरम से 175 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पंपा नमक जगह से शबरीमला की दूरी पांच किलोमीटर हैं. मोहिनी(भगवान विष्णु ) और शिव के मिलन से हुए पुत्र अयप्पन का यह मंदिर हैं, अयप्पा का वर्णन कम्ब रामायण और स्कंदपुराण में मिलता हैं.मकर संक्रांति के दिन यहाँ विशेष पर्व होता हैं. उस दिन यहाँ अयप्पन को घी से स्नान से कराया जाता हैं.
18 पहाड़ियों के बीच स्थित यह मंदिर स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना हैं. इस मंदिर के प्रांगण तक पहुंचने के लिए 18 सीढ़िया पार करनी होती हैं.
Chottanikara Devi Temple
केरल के परशुराम क्षेत्र में स्थित यह मंदिर देवी भगवती को समर्पित हैं, यह मंदिर आध्यात्मिकता का केंद्र बिंदु हैं, इस मंदिर में देवी उपासना का भी विशेष संयोग देखने को मिलता हैं, प्रातकालीन पूजा में देवी सरस्वती की पूजा और मध्यहन काल में देवी लक्ष्मी की पूजा और सायंकाल में देवी दुर्गा की पूजा की जाती हैं.इस मंदिर की एक और विशेहता हैं वह यह की यहाँ देवी भगवती की मूर्ति स्वयंभू हैं.इस मंदिर में बुरी आत्माओ द्वारा पीड़ित व्यक्तियों का उपचार किया जाता हैं. इस मंदिर में ब्रह्मा , गणेश ,शिव और सुभ्रमण्य की मूर्तिया भी हैं, जिनकी पूजा की जाती हैं.
Attukal Bhagavathy Temple
भक्तो का उद्धार करें वाली देवी भद्रकाली का जन्म भगवान शिव की तीसरी आँख से हुआ ,भद्रकाली (कण्णकी) इस मंदिर की प्रमुख देवी हैं, जो भक्तो का कल्याण करती हैं.कण्णकी देवी पार्वती का ही एक रूप हैं , जो अपने भक्तो की परेशानी को दूर करके उनका कल्याण करती हैं.
Tali Temple
केरला में कालीकट स्थित तली मंदिर प्राचीन मंदिरो में से एक हैं , यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं. इस मंदिर में पवित्र गर्भ गृह , प्रकाश स्तम्भ और बहुत ही बेहतरीन कारीगरी का उदाहरण यहाँ का प्रवेश द्वार हैं , इस मंदिर का गर्भगृह रथ के आकर का बना हुआ हैं, मंदिर के निर्माण में पत्थरो और लकड़ियों का प्रयोग ज्यादा किया हैं
Kadampuzha Devi Temple
केरला के मल्लपुरम जिले में कदमपुजहा देवी मंदिर हैं.यह मंदिर देवी दुर्गा (पार्वती)को समर्पित हैं. इस मंदिर में देवी की कोई मूर्ति नहीं हैं. इस मंदिर में एक विशेष पूजा की जाती हैं.जिसका नाम हैं,मुत्तरुक्कल , यह पूजा सुबह के समय ही की जाती हैं. मुत्तु का अर्थ हैं बाधा और अरक्कल का अर्थ हैं समाप्त करना , हटाना , अर्थात बाधाओं को हटाना.पूजा के दौरान नारियल को तोडा जाता हैं.अगर नारियल एक बार में ही टूट जाये तो आपकी बाधाएं समाप्त अगर नारियल एक बार में नहीं टूटे तो दुबारा नया नारियल लेकर तोड़ना चाहिये. और जब तक नारियल एक बार में नहीं टूटे तो यह प्रकिया दोहराई जाती हैं.
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