
hanuman jyanti :
संकटों को हरने वाले देवता हनुमान जी कलयुग में सबसे ज्यादा प्रभावशाली व चमत्कारी है। जिनके नाम मात्र से भूत-प्रेत व भय दूर भागता हो, उनका नित्य जाप करने से छूटहि बन्द महासुख होई। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा, दिन शुक्रवार को चित्रा नक्षत्र व वज्र योग में इस बार मनाई जायेगी धूमधाम से हनुमान जयन्ती। इसी दिन स्नान-दानादि की चित्रयुता पूर्णिमा है और साथ में यमुना जयन्ती भी पड़ रही है इसलिए इस बार की जंयति बहुत खास है।
आईये जानते हैं कैसे निम्नलिखित बिंदुओं में…
1. वज्र योग :
22 अप्रैल को सांय 4 बजकर 46 मि0 तक वज्र योग रहेगा। ‘लाल देह लाली लसे, अरूधरि लाल लंगूर। वज्र देह दानव दलन, जय-जय कपि सूर। हनुमान जी ने वज्र रूप धारण करके दानवों का नाश किया था।
वज्र योग में हनुमान जी की आराधना करने से शत्रुओं का शमन होता है और युद्ध में विजय प्राप्त होती है। इस योग में जन्मे बालक का शरीर बलिष्ठ होता है, साहसी होता, पराक्रमी होता है और अपने माता-पिता की सेवा करने वाला होता है।
2. राज योग :
सूर्योदय लेकर सुबह 7 बजकर 19 मि0 तक राजयोग रहेगा। इस दिन हनुमान जयन्ती पड़ने से राजयोग का प्रभाव और अधिक शक्तिशाली हो जाता है।
यदि इस काल में कोई बच्चा जन्म लेता है, तो उस पर सर्वप्रथम बजरंगबली की कृपा रहेगी और साथ में राजयोग रहने से अपने जीवन में यह बालक सफलता के नयें इतिहास रचेगा। राजयोग के काल में हनुमान जी की स्तुति करने से राजयोग के तुल्य फल की प्राप्ति होती है।
3. चित्रा नक्षत्र:
हनुमान जयन्ती के दिन क्षितिज पर चित्रा नक्षत्र का प्रभाव रहेगा। चित्रा का नक्षत्र का स्वामी मंगल होता है। हनुमान जी के बारे में कहा जाता है कि मंगल को जन्में, मंगल ही करते, मंगलमय भगवान। इस दिन मंगल का विशेष प्रभाव रहेगा।
इस दिन हनुमान जी का अनुष्ठान व पूजन करने से साहस, आत्मबल, आत्म चिन्तन, बल-बुद्धि और वीरता में वृद्धि होगी एंव आपके घर-परिवार में मंगल ही मंगल होगा।