
हमारे पुराणों एवं धार्मिक ग्रंथो की कई कथाओ में पुनर्जन्म के बारे में लिखा गया है, इसी के साथ बौद्ध एवं जैन धर्म ग्रंथो में भी इसका उल्लेख मिलता है. हिन्दू धर्म के सभी ग्रंथो और पुराणों में यह बात बताई गई है की आत्मा अमर है तथा यह कभी नहीं मरती. जिस तरह मनुष्य अपने वस्त्र बदलता है ठीक उसी प्रकार आत्मा भी एक शरीर को त्याग कर नया शरीर धारण करती है.
परन्तु वही बहुत से ऐसे लोग भी है जो पुनर्जन्म की बात को मिथ्या मानकर इस पर विश्वास नहीं करते. इस प्रकार के लोगो का मानना होता है की आत्मा सिर्फ एक बार जन्म लेती है इसके पश्चात मृत आत्मा का दोबार जन्म नहीं होता.
लेकिन आज हम आपको पुनर्जन्म से संबंधित कुछ ऐसी वास्तविक घटनाओं के बारे में बताने जा रहे है जो आपको यह विशवास करने में मजबूर कर देगी की हमारे धर्म ग्रंथो में बताई गई पुनर्जन्म से संबंधित सभी बाते बिलकुल सत्य है.
भारत में सबसे अधिक धार्मिक पुस्तकों को छापने वाली संस्था गीता प्रेस की एक प्रसिद्ध पुस्तक परलोक और पुनर्जन्म में भी कई ऐसी घटनाओं का वर्णन किया गया है जो पुनर्जन्म वाली बात को सत्य प्रमाणित करती है.
आइये अगले पेज पर पड़ते है कुछ ऐसी अनसुनी कहानिया…
1 . थाईलैंड के स्याम में रहने वाली एक लड़की ने बगैर किसी सहायता के अपने पिछले जन्म से जुडी भाषा सिख ली थी. वह उस विदेशी भाषा को इस ढंग से बोलती थी की मानो वह बचपन से उस विदेशी देश में रहती हो. यहाँ तक की उस लड़की को अपने पिछले जन्म के माता पिता के घर का पता भी मालुम था.
जब इस बात का पता उस लड़की के पूर्वजन्म के माता पिता को चला तो वह भी उससे मिलने आये. बाद में वह लड़की भी अपने पूर्वजन्म वाले स्थान पर गई और बहुत ही आसानी से उसने वहां की हर चीजों को पहचान लिया था हर सवालों का जवाब भी दिया. इस प्रकार से उसके पिछले जन्म की याददास्त उसके अगले जन्म तक उसके साथ रही.
2 . भारत में ही एक व्यक्ति जिनका नाम प्रवीणचन्द्र था उनके यहाँ एक बेटी पैदा हुई. जब वह मात्र तीन साल की हुई तो उसे अपने पिछले जन्म के बातो का स्मरण होने लगा और वह अपने पिछले ज
न्म से जुडी बातो को अपने माता-पिता को बताने लगी. उसने अपना नाम गीता बताया.
जब उसके माता पिता ने परेशान होकर इस बात की सत्यता जानने की कोशिश करी तो उन्हें पता लगा की वह बच्ची सच बोल रही थी. उसके परिवार वाले उस बच्ची को लेकर जूनागढ़ आ गए जहा उसने अपने पुराना घर पहचान लिया और उसके मंदिर में पूजा पाठ करने बैठ गयी.
3 . दिल्ली में गुप्ताजी का परिवार रहता था जिनका बेटा जब बड़ा हुआ तो वह अजीब-अजीब सी बाते करने लगा. वह अपना नाम शक्तिपाल बताने लगा तथा कहने लगा की मेरी हत्या हुई थी. पहले तो उसके बात पर उसके परिवार वालो ने विश्वास नहीं किया परन्तु बाद में जब बात बढ़ने लगी तो उनके बेटे के पूर्व जन्म की बात की जाँच की गई.
जाँच में पता चला की मथुरा में एक व्यापारी ने शक्तिपाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी. जब गोपाल को मथुरा लाया गया तो उसने अपनी दूकान घर और पत्नी बच्चों को भी पहचान लिया. जिसके बाद अब उसके पूर्व जन्म की जाँच चल रही है.
4 . पुनर्जन्म की घटना इस महिला के साथ भी घटी हुई जो अमेरिका में रहती थी . रोजनबर्ग नाम की यह महिला बार बार जैन धर्म की बाते किया करती थी जिसके बारे में वह स्वयं भी आश्चर्यचकित थी. वह हमेशा जब अपने हाथो की उंगलियों को देखती तो डर जाती थी मानो किसी ने जैसे उनकी उंगलियों को जला दिया हो.
एक बार जब वह जैन धर्म सभा में गयी तो उन्हें अपनी पूर्वजन्म की स्मृति याद आने लगी, तथा यह भी याद आ गया की वह पूर्व जन्म जैन मंदिर में रहा करती थी तथा मंदिर में आग लग जाने से वह भी उसमे जल कर मर गई.