
santoshi mata vrat or puja vidhi :-
दोस्तों आज हम आपको सन्तोषी माता व्रत और पूजा विधि के बारे में बताने जा रहे है. संतोषी माता के नाम से ही यह ज्ञात होता है की माता सन्तोष की देवी है वे अपने भक्तो को सन्तोष एवम सुख समृद्धि प्रदान करती है. देव संतोषी विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पुत्री है, अपने पिता के समान ही वे भी तेजस्वी एवम पूजनीय है.
माता दुर्भाग्य को दूर कर अपने भक्तो के लिए सौभाग्य लेकर आती है. माता सन्तोषी की पूजा का मुख्यतः उत्तरी भारत की महिलाओ में प्रचलन अधिक है. यदि कोई santoshi mata के 11 शुक्रवार का व्रत रखता है तो माता अपने उस भक्त की झोलिया खुसियो से भर देती है. उस परिवार में कभी धन की कमी नहीं होती तथा वह सुख समृद्धि एवम शांति के साथ रहता है.
देव दुर्गा की विशुद्ध रूपो में से एक है माँ सन्तोषी का रूप. माता संतोषी कमल के फूल में विद्यमान रहती है तथा अपने भक्तो के ह्रदय में वे शांत तथा साम्य समय रूप में विराजमान है. माता संतोषी का निवास स्थान क्षीर सागर ( दूध का समुद्र ) है जो इस बात का प्रतीक है की माता का हृदय दूध की तरह कोमल है. माता का जो भक्त ईष्र्या रहित है माता संतोषी उसकी बहुत जल्दी सुनती है.
santoshi mata vrat ttha pujan vidhi :-
एक रूपये अथवा सवा रुपई से थोड़ा गुड़ एवम चना ख़रीदे आप अपनी श्रद्धा अनुसार बढा भी सकते है.
१६ शुक्रवार तक के हर शुक्रवार व्रत रखे तथा संतोषी माता की व्रत कथा सुने . माता की कथा सुनने में कोई रूकावट नहीं आनि चाहिए.
अगर आपको सुनने हेतु कोई श्रोता ना मिले तो अपने सामने एक घी का दीपक जलाये अथवा आप आपने सामने लोटे से भरा पानी का जल भी रख सकते है. ऐसा तब तक करे जब की आपकी मनोकामना पूर्ण ना हो जाए.
मनोकामना पूर्ण होने के पश्चात इस व्रत का उद्यापन करे.
santoshi mata vrat udyapan vidhi
3 महीनो के भीतर santoshi mata ka vrat आपके मनोकामना को पूर्ण कर देंगी . अगर आपका भाग्य आपके साथ नहीं भी है तो फिर भी माता की कृपा सी आपकी मनोकामना पूर्ण हो जायेगी. जब आपकी इच्छा पूरी हो जाए तभी माता के इस व्रत का उद्यापन करे.
उद्यापन की दिन खीर और चने की सब्जी बनाये तथा इससे आठ बालको को भोजन कराये..
अगर सम्भव हो तो ये आठ बालक एक ही परिवार के हो . यानी की ये जेठानी, देवरानी आदि के बालक हो सकते है.
अगर यह सम्भव न हो तो आप अपने आस पड़ोस के बालको को भी भोजन करा सकते है. परन्तु इस व्रत में सबसे अहम एवम ध्यान रखने योग्य बात यह है के कोई भी खट्टा ना खाये.