
शनि देव के प्रकोप से सभी भय खाते है, जिस व्यक्ति के कुंडली में शनि की बुरी स्थिति हो उसके सभी कार्य में बाधा आती है. अगर किसी व्यक्ति के जन्म पत्रिका में बचपन से ही शनि की स्थिति खराब हो उसे अपनी जिंदगी में अनेक समस्याओ से होकर गुजरना पड़ता है.
लेकिन कुछ लोगो के लिए शनि देव का बुरा काल मात्र कुछ समय के लिए ही होता है. जन्म कुंडली के अलावा जब शनिदेव अपना स्थान बदलते है अर्थात एक राशि से दूसरे राशि में गोचर होते है तो इससे सभी राशियों पर शनि देव का प्रभाव देखने को मिलता है.
जैसा की हम जानते है ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति के जन्म के समय एवम तारिक के अनुसार उसकी राशि निर्धारित की जाती है. ज्योतिष शास्त्र में 12 राशिया प्रदान की गई है तथा इन हर राशियों में ग्रह विचरण करते है.
किसी राशि में प्रवेश करने वाला ग्रह न केवल उस राशि को ही बल्कि उसके निकट पड़ने वाले अन्य राशियों पर भी अच्छा बुरा प्रभाव छोड़ता है. शनि एक ऐसा ग्रह माना जाता है जो न केवल राशि परिवर्तन करता है बल्कि इसके साथ ही उसी राशि में रहते हुए अपनी चाल भी बदलता है.
इस बार शनि ग्रह अपनी वक्री चाल के साथ वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश कर रहे है . ऐसे में शनि ग्रह के राशियों में इस स्थान परिवर्तन से इन सात राशियों में बहुत बड़ा बदलाव आने वाला है जो इसके साथ ही अन्य राशियों में कुछ बदलाव दिखने को मिलेगा.
आइये जानते है क्या परिवर्तन ला रहा है शनि देव आपके जन्म कुंडली में…
मेष राशि :- मेष राशि के जातकों के लिए शनि देव दसवें व ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और उनकी यह चाल इस राशि के जातकों के कैरियर के लिए अच्छी होगी. आप प्रगति करेंगे और आपके काम को सराहना भी मिलेगी. रुके हुए काम भी बनेंगे और आपका स्वास्थ्य भी पहले से बेहतर रहेगा .
वृषभ राशि :- वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि नौवें व दसवें भाव के स्वामी हैं. शनि के इस परिवर्तन से प्रेम संबंधों में सुधार आएगा. पति-पत्नी हो या ब्वॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड, मनमुटाव खत्म होगा.इसके साथ ही यह समय आपके भाग्य को चमका सकता है .
मिथुन राशि :- मिथुन राशि के जातको के लिए शनि आठवे व नौवे भाव का स्वामी है. शनि की गति में परिवर्तन के बाद आप पहले से अधिक आत्मविश्वास में रहेंगे और कई चुनौतियां हाथ में लेंगे. यदि आप स्वास्थ्य से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है तो अब हालात पहले से बेहतर नजर आ सकते हैं.
कर्क राशि :- शनि का आगे बढ़ना कर्क राशि के जातकों के प्रेम संबंधों में बड़ा बदलाव लाने वाला है, शनि कर्क राशि के जातकों के लिए सातवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और इस परिवर्तन के बाद आपका प्रेमी जीवन व विवाहित जीवन काफी सुधर जाएगा . सभी परेशानियां तकरीबन खत्म हो जाएंगी और पार्टनर का पूरा सहयोग भी प्राप्त होगा .
सिंह राशि :- लेकिन कर्क से बिल्कुल विपरीत है सिंह राशि के जातकों की स्थिति . इस राशि के छठवें और सप्तम भाव में होने के कारण शनि इन्हें ढेर सारी चुनौतियां देने वाले हैं. इनके लिए दिक्कत का समय आरंभ हो गया है. स्वास्थ्य का हद से ज्यादा ध्यान रखें .
कन्या राशि :- कन्या राशि के लिए शनि ग्रह का यह बदलाव मिलाजुला रहेगा . पांचवें व छठें घर के स्वामी होने के कारण, शनि इन्हें साहस प्रदान करेंगे. साथ ही इनके धैर्यवान होने की क्षमता को बढ़ाते हुए विभिन्न परिस्थितियों से लड़ने की ताकत देंगे . कुल मिलाकर कन्या राशि के जातक एक नया अनुभव प्राप्त करेंगे .
तुला राशि :- अगर आप धन संबंधी बातों को लेकर परेशान हैं, तो अब कम से कम जनवरी तक आपकी समस्या टल चुकी है . तुला राशि के चौथे व पांचवें भाव के स्वामी होने से, शनि इन्हें धन लाभ देंगे. लेकिन यह केवल उन जातकों के लिए है जिन्होंने बीते समय में कुछ निवेश किए हैं और समय आ गया है उन निवेशों का अच्छा रिटर्न पाने का .
वृश्चिक राशि :- फिलहाल शनि देव इसी राशि में विराजमान हैं, तो जाहिर है कि यहां अधिक प्रभावी होंगे. वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शनि तीसरे व चौथे भाव के स्वामी हैं. शनि का पहले भाव में से होकर गुजरना आपमें धैर्य व दृढ़ता को बढ़ाएगा . आपके काम बनते हुए दिखाई देंगे और शनि का इस समय मार्गी होना आपके लिए शुभ ही है .
धनु राशि :- धनु राशि के जातकों के लिए शनि दूसरे व तीसरे भाव का स्वामी है जो बारहवें स्थान में आगे बढ़ेगा . इससे आपकी वित्तीय स्थिति अच्छी होगी और आप बद्धिमत्तापूर्वक निर्णय लेने में सक्षम रहेंगे .
मकर राशि :- धन लाभ, बस यही शनि देव के चाल बदलने का आपको परिणाम मिलेगा. बाकी सब अधिक नहीं बदलेगा. मकर राशि के जातकों के लिए शनि पहले व दूसरे भाव के स्वामी हैं, जिसके कारण शनि की चाल बदलने से इन्हें वितीय क्षेत्र में लाभ होगा. इसके अलावा धन लाभ के अन्य माध्यम भी प्राप्त हो सकते हैं.
कुम्भ राशि :- इस राशि के जातकों के लिए शनि पहले व बारहवें भाव के स्वामी हैं और शनि के मार्गी होने से इनके दसवें भाव पर प्रभाव होगा. लेकिन घबराइए नहीं, यह बदलाव अच्छा ही सिद्ध होगा. आपको समाज में सम्मान मिलेगा, जिन समस्याओं में आप लंबे समय से उलझे हुए हैं, वहीं से बाहर निकलने का यही समय है. इस काल के दौरान जीवनसाथी आपकी सबसे बड़ी हिम्मत सिद्ध होगी.
मीन राशि :- इस क्रम में आखिरी राशि है मीन, इस राशि के जातकों के लिए शनि ग्यारहवें व बारहवें भाव के स्वामी हैं और मार्गी होने से नौवें भाव में परिवर्तन लाएंगे. यह इनकी किस्मत में सुधार लाएगा, पहले की तरह कार्यों में बाधा नहीं आएगी. जो भी योजना आप बनाएंगे उसमें सफल हो ही जाएंगे.